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Friday, October 30, 2020

भरे मन में नए संकल्प व्योम के पार जाना है।


 लेखिका ✍ बिना राय जनपद आजमगढ़


लिए आशा की नव किरणें

कदम   आगे  बढ़ाना   है।


सुना है ! जीत  के राहों में

काँटे   हैं   बहुत   मिलते।

करें परवाह क्यों काँटों कि

हिम्मत     आजमाना   है।

भरे   मन में  नए  संकल्प

व्योम  के  पार  जाना  है।


तम   भरी   रात   बीतेगी

उजाला  फिर से आएगा।

लिए मन  में  नई  उम्मीद

रवि   ऊर्जा   चुराना   है।

भरे  मन   में  नए संकल्प

व्योम  के  पार  जाना है।


बहती नदियाँ के धारा में 

हैं  चट्टानें  बहुत  मिलते।

मगर हिम्मत  कहाँ उनमें

कि  धारा  रोक  पाना है।

भरे  मन  में  नए संकल्प

व्योम  के  पार  जाना है।


सुना  है! कुछ  प्रसंगों में

सत्य   घिरता  संघर्षों  में।

दंभ  से   हो  भरे  मिथ्या

अंत   में   हार  जाना  है।

भरे  मन  में नए  संकल्प

व्योम  के  पार  जाना  है।


ये  जीवन  मोह  माया  के

सवालों  में  बहुत   घिरते।

शिशिर सृष्टि का नियमन है

बसंत नव फिर से आना है।

भरे   मन  में  नए  संकल्प

व्योम  के   पार  जाना  है।


रिपोटर चंद्रकांत सी पूजारी

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