प्रशासनिक क्षेत्र में कुशल मानवबल के निर्माण में विशेष योगदान देगा गुजरातः मुख्यमंत्री
‘हमारी संस्कृति में जीवमात्र का कल्याण और नये अविष्कारों से
समष्टि के कल्याण का भाव निहित है’
मुख्यमंत्री श्री विजय रूपाणी ने स्पष्ट मत प्रकट किया है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘नया भारत-आत्मनिर्भर भारत’ के संकल्प और राम राज्य की संकल्पना को साकार करने के लिए प्रशासनिक क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता युक्त कुशल मानवबल की जरूरत को पूरा करने में गुजरात विशेष योगदान देगा। शनिवार को अहमदाबाद में गुजरात यूनिवर्सिटी और जैन इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन (जिओ) की ओर से शुरू किए गए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) प्रशिक्षण केंद्र ‘प्रज्ञा पीठम’ का गांधीनगर से ई-लोकार्पण करते हुए उन्होंने यह बात कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात हर क्षेत्र में प्रगति के पथ पर सबसे आगे है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने विकास की राजनीति से सुशासन के जरिए देश में विकास के नए मील के पत्थर स्थापित किए हैं।
इस
मकसद से बेहतर प्रशासकों के निर्माण के लिए गुजरात यूनिवर्सिटी और जैन इंटरनेशनल
ऑर्गेनाइजेशन (जिओ) का यूपीएससी ट्रेनिंग सेंटर युवाओं को एक बड़ा अवसर प्रदान
करेगा।
सेंटर
के ई-शुभारंभ के अवसर पर जैनाचार्य पूज्य गुरुदेव श्री नयपद्मसागर जी महाराज साहेब
और विदूषी आर्या साध्वी श्री मयणाश्री महाराज साहेब, शिक्षा मंत्री श्री
भूपेन्द्रसिंह चूड़ास्मा, राज्य मंत्री श्रीमती विभावरीबेन दवे और शिक्षा विभाग की
प्रधान सचिव श्रीमती अंजू शर्मा भी वीडियो लिंक के जरिए जुड़े थे।
मुख्यमंत्री
ने कहा कि हमारी परंपरा उपनिषद से उपग्रह तक समन्वयकारी है। इसलिए सुशासन और सेवा
कार्यों में सृष्टि के कल्याण, जीवदया और करुणा के अनोखे संस्कार के साथ आधुनिक
युग के नए अविष्कारों व आयामों से मानव जाति के कल्याण का विचार हम करते हैं।
उन्होंने कहा कि इसी पथ पर चलते हुए ‘नया भारत-आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण का रास्ता बनेगा और उसके लिए ज्ञान-कौशल और उच्च गुणवत्ता युक्त मानवबल तैयार कर उनकी सेवाओं का लाभ राष्ट्र-निर्माण के लिए लेने में ऐसे प्रशिक्षण केंद्र अहम साबित होंगे।
श्री
रूपाणी ने भरोसा जताया कि अगली सदी भारत की सदी होगी। सभी के कल्याण के लिए, हाशिये
पर खड़े व्यक्ति के उत्थान के लिए युवा शक्ति को उच्च सेवा में जोड़ने के लिए ऐसे
प्रशिक्षण केंद्र सही समय पर उठाया गया सही कदम है।
शिक्षा
मंत्री श्री भूपेन्द्रसिंह चूड़ास्मा ने इस घटना को ऐतिहासिक और यादगार करार देते
हुए कहा कि गुजरात ने युवाओं के कौशल को नई दिशा देने की अनेक पहल मुख्यमंत्री
श्री विजय रूपाणी के मार्गदर्शन में की है।
इस
संदर्भ में उन्होंने स्टूडेंट स्टार्टअप इनोवेशन पॉलिसी, अटल लैब रैंकिंग और
स्टार्टअप रैंकिंग में गुजरात के देशभर में शीर्ष पर रहने का उल्लेख किया।
शिक्षा
मंत्री ने कहा कि गुजरात यूनिवर्सिटी और जैन इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन के सहयोग से
शुरू हुआ यह यूपीएससी प्रशिक्षण केंद्र समाज की पीड़ा और दर्द को समझकर उसका
निवारण कर सके ऐसी युवा शक्ति को उच्च सेवा में जोड़ने का एक सशक्त मंच बनेगा।
श्री
चूड़ास्मा ने कहा कि धर्म संस्था और शैक्षणिक संस्थानों का यह समन्वय संस्कारी
अधिकारियों का निर्माण करेगा।
पूज्य
आचार्य नयपद्मसागर महाराज साहेब ने इस बात पर आनंद व्यक्त किया कि युवाओं को
संस्कार के साथ उच्च गुणवत्ता युक्त कौशल विकास से राष्ट्र व राज्य की सेवा में
समर्पित होने में जिओ एक माध्यम बना है।
मुख्यमंत्री
के सेवा कार्यों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि श्री विजय रूपाणी एक संवेदनशील
शासनकर्ता के तौर पर जीव मात्र के कल्याण की इच्छा रखते हैं।
विदूषी
आर्या साध्वी श्री मयणाश्री महाराज साहेब ने गुजरात की भूमि पर हो रहे पुण्यशाली
कार्यों और विशेषकर नारी शक्ति को उच्च शिक्षा एवं उच्च प्रशिक्षण के अवसर मुहैया
कराने के लिए राज्य शासन व मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
उन्होंने
कहा कि कोरोना महामारी के खिलाफ भी पूरी तैयारी से लड़ने का जो मार्ग गुजरात ने
श्री विजयभाई के नेतृत्व में चुना है, वह भी आज लोगों के बीच चर्चा का विषय बना है
और उस मार्ग का अनुसरण किया जा रहा है।
उन्होंने
शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सद्कार्यों में संत शक्ति के आशीर्वाद और सहयोग से
मानव जाति के कल्याण के कार्यों में भी गुजरात आगे रहेगा।
कार्यक्रम
की शुरुआत में गुजरात यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. हिमांशु पंड्या ने सभी का स्वागत
किया।
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